आदर्श शिक्षक के गुण:-
1.पहनावा-
एक आदर्श शिक्षक को अपने पहनावे पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कपड़े अच्छे से धुले हुए साफ-सुथरे स्त्री(प्रेस) की हुई हो।यदि आप पुरुष है तो कुर्ता पैजामा या फॉर्मल शर्ट-पेंट आपके लिए सर्वोत्तम होगा इसके विपरीत यदि आप एक महिला हैं तो आपके लिए साड़ी और सलवार शूट उत्तम विकल्प होगा। बच्चे आपका अनुशरण करते हैं यदि आप साफ-सुथरे रहेंगे तो उसका प्रभाव बच्चों पर अवश्य पड़ता है।
2. बात करने का तरीका-
आपके बात करने का तरीका ऐसा हो कि बच्चे आपसे डरे नहीं बल्कि आपसे बात करने में उन्हें आनंद का अनुभव हो।आप बच्चों से मधुर वाणी में सौम्य तरीके से बात करें।अपशब्दों का प्रयोग तो कभी भी न करें। बच्चे वही सीखते हैं जो आप बोलते हैं यदि आप गाली देकर बात करेंगे तो बच्चे भी गाली देना सीख जाते हैं। अतः एक आदर्श शिक्षक के बात करने का तरीका मधुर होनी चाहिए।
3.बच्चों को अपमानित न करना-
यदि आप एक आदर्श शिक्षक बनना चाहते है तो इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि किसी भी बच्चे को कभी भी अपमानित न करें क्योंकि ऐसा करने पर उस बच्चे में हीन भावना पनपने लगेगा और वो अपने आप को सदैव दूसरे बच्चों से कम ही समझेगा जो कि उस बच्चे के भविष्य के लिए खतरनाक है। बच्चों को प्यार से समझाएँ सभी बच्चों की बौद्धिक क्षमता अलग- अलग होती है आप अधिक प्रयास करें और बच्चे को सक्षम बनाएँ।
4.भेद-भाव न करें-
चाहे कोई बच्चा कितना भी बुद्धिमान हो या कोई बच्चा कितना ही कमजोर क्यों न हो आपको उनके बीच कभी भी भेदभाव नहीं करना है दोनों पर ही बराबर ध्यान देना है। जिस प्रकार से एक माता-पिता के लिए उनके सभी बच्चे प्रिय होते हैं उसी प्रकार से आपके विद्यार्थी भी आपके बच्चे हैं उन्हें समान रूप से प्रेम करें।
5.समय का पाबंद रहें-
अपने विद्यार्थी के लिए एक शिक्षक ही सबसे बड़ा आदर्श होता है वो शिक्षक की तरह बनना चाहते हैं वो आपकी नकल करते हैं।इसलिए आपको समय का पाबंद होना चाहिए।जब बच्चे देखेंगे कि शिक्षक समय पर आते हैं समय से पढ़ाते हैं और समय पर घर चले जाते हैं तो बच्चों में भी ये अनुशासन की भावना उत्पन्न होती है। इसलिए समय को विशेष महत्व दें।
6.बच्चों के साथ गतिविधियों में भाग लें-
जब भी आप बच्चों से कोई गतिविधि कराएँ जैसे नाटक,खेल,नृत्य,चित्रकारी इत्यादि तो आपका प्रयास यही होना चाहिए कि आपको भी उन गतिविधियों में भाग लेना चाहिए।इससे बच्चों में उत्साहवर्धन होता है और वे विभिन्न गतिविधियों में अधिक रुचि भी लेने लगते हैं।
7.बच्चों पर गृहकार्य का बोझ न डालें-
आदर्श शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों के बौद्धिक क्षमता के हिसाब से ही उन्हें गृह कार्य दें और उतना ही दे जितना कि वो आराम से कर सकें।कभी भी उनपर गृहकार्य का अतिरिक्त बोझ न डालें।
8.बच्चों को उपहार दें-
यदि कोई बच्चा पढ़ाई में ,किसी खेल में अथवा किसी गतिविधि में अच्छा काम करता है तो उसके उत्साहवर्धन के लिए आप उस बच्चे को जरूर उपहार दे भले ही वो एक चॉकलेट या 2 रुपये की कलम ही क्यों न हो।इससे बाकी बच्चों में भी अच्छा करने की भावना जागती है और जो बच्चे अच्छा करते हैं उन्हें भविष्य में भी अच्छा करते रहने की प्रेरणा भी मिलती है।
9. तकनीकों से जोड़े रखें-
अपने बच्चों को आप सदैव एक कदम आगे ही रखें आज का युग तकनीकी का युग है आपको भी अपने विद्यार्थियों को नए-नए तकनीकों से अवगत कराना चाहिए। मोबाइल,कम्प्यूटर , लैपटॉप सभी से संबंधित जानकारियां बच्चों को उपलब्ध कराते रहें। तकनीक का प्रयोग अपने शिक्षण कार्य मे करें विभिन्न T.L.M. और मोबाइल वीडियो ज्ञानवर्धक गेम्स के द्वारा आप बच्चों की पढ़ाई को और भी अधिक रुचिकर बनाने का प्रयास करें क्योंकि ऐसे शिक्षकों को बच्चे बहुत ज्यादा पसंद करते हैं।
10. बच्चों पर अपनी छाप छोड़ें-
आप ऐसा कार्य करके दिखाएँ की बच्चे आपका अनुशरण करने लगे,आपकी बताई सभी बातों को गंभीरता से लें और उनका पालन करें। आपकी बताई गई सभी बातों से वो सीख लें और आपको अपने विद्यार्थियों में अपनी ही झलक दिखाई देने लगे तब आप समझ जाइये की आप एक आदर्श शिक्षक हैं।
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