आदरणीय अभिभावक,
ग्रीष्मकालीन अवकाश की हार्दिक शुभकामनाएँ |
बच्चों के साथ हमने 10 महीने बहुत कुछ सीखा, उनकी देखभाल की | आपने ध्यान दिया होगा कि बच्चे भी विद्यालय से बहुत प्यार करते हैं | अगले 1½ माह बच्चे विद्यालय के बंधन से मुक्त होकर घर पर समय बिताने वाले हैं | चलिए कुछ बातों को ध्यान में रखते हैं, जिनसे कि आने वाले 45 दिन बच्चों के लिए कुछ अलग प्रकार से फलदायी हो :–
1. बच्चों के साथ कम से कम 1 वक्त का खाना जरुर खाएँ | उन्हें भोजन का मूल्य बताएँ और किसान की कड़ी मेहनत के बारे में बताएँ और उन्हें भोजन को व्यर्थ करने से रोकें |
2. उन्हें स्वयं से अपनी थाली धोने दें | इससे बच्चे मेहनत का सम्मान करना सीखेंगे |
3. उन्हें भोजन बनाने में आपकी सहायता करने दें | उन्हें सब्जी व सलाद बनाने दें |
4. अंग्रेजी के कम से कम 5-5 शब्द रोज याद करवाएँ एवं एक कॉपी में लिखवायें |
5. कम से कम 3 पड़ोसियों से मिलिये एवं उनसे अच्छी पहचान बनाइये |
6. दादा – दादी / नाना – नानी से मिलने जाइए और आपके बच्चों को उनसे खुलकर मिलने दीजिए | उनका प्यार और संवेदनात्मक सहारा आपके बच्चे के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है | उनकी फोटो खींचिये |
7. अपने कार्य करने के स्थान पर बच्चों को ले जाइए , और उसे समझने दीजिए कि आप अपने परिवार के लिए कितनी कड़ी मेहनत करते हैं|
8. त्यौहार मनाना और बाजार जाना बिलकुल न भूलें |
9. अपने बच्चो में सब्जियों का बगीचा लगाने की प्रेरणा डालें साथ ही पेड़ - पौधों की जानकारियाँ बच्चों के लिए अति आवश्यक है|
10. आप अपने बचपन का एवं अपने परिवार का इतिहास अवश्य बताएँ |
11. बच्चों को बाहर मैदानी खेल खेलने की अनुमति दें | चोट खानें दें , धूल में रंगने दें | सब ठीक है | उन्हें गिरने दें, और चोट का अनुभव करने दें , नर्म – नर्म सोफे में आरामदायक जीवन जीने से बच्चे आलसी बनते हैं|
12. उनको भी जीव (पक्षी,मछली......आदि ) पालने दीजिये |
13. उन्हें आंचलिक गीत सिखाइये |
14. अपने बच्चों को T.V., मोबाइल, कम्प्यूटर, और अन्य उपकरणों से दूर रखिए , इन सबके लिए जीवन में बाद में भी समय है |
15. बच्चों के लिए कहानी की किताबें लायें जिसमें रंगबिरंगे चित्र हों |
16. बच्चों को चाकलेट, चिप्स, बिस्किट्स, कोल्ड ड्रिंक्स एवं तले भोजन से बचाएँ |
17. अपने बच्चें की आँखों में देखकर ईश्वर का धन्यवाद करें इस प्यारे उपहार के लिये कुछ ही वर्षों में वे नयी ऊचाईयों को छूएँगे |
18. बच्चों के साथ प्राकृतिक स्थल, पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल या ऐतिहासिक स्थल पर भ्रमण पर अवश्य जाएँ | एक पालक होने के नाते अपने बच्चों के साथ समय बिताना आवश्यक है|
19.बच्चों को व्यायाम, मैदानी खेल,एवं रूचि के अनुसार कोई नई गतिविधि का पाट्यक्रम (तैराकी,सुलेख,संगीत) आदि में सहभागिता कराएँ |
शुभकामनाओं के साथ
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मंगलवार, 22 मई 2018
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