*चर्चा (4)*
*गलत चित्रण के माध्यम से पुनर्स्मरण करवाकर विषय को मनमस्तिष्क पटल पर स्थाईकरण*
⚡एक सैद्धान्तिक दृष्टिकोण चला आ रहा है बच्चो को सही चित्रण के माध्यम से ही विषय ज्ञान कराने का ।
⚡ किन्तु हम आप ने देखा होगा की जब कभी हम विद्यालय में कोई भी *त्रुटि ( मौखिक या लिखित )* कर बैठते हैं तो बच्चा तुरन्त हमारी बात को पकड़ लेता है और कहता सर ये नही ये था।
⚡आज का आधुनिक बच्चा गलतियां पकड़ने में बहुत ही माहिर है, जिसको हम सभी कभी-कभी गलत नजरिये से ले लेते हैं कि बच्चे ने बात को पकड़ा। लेकिन अब हमें अपनी सोच को बदलते हुए उनके इस विशेष प्रतिभा को उन्ही के उपयोग के लिए प्रभावी कर सकते हैं, *जानिए कैसे ?*
⚡आप जब भी कुछ पढ़ाये जैसे आप भारत का नक्शा पढ़ा रहे हैं आप उसे नियमानुसार बताएं कि उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम में क्या है और अगले दिन पुनः उसके रिवीजन में आप उत्तर को दक्षिण आदि मतलब की आप उसे गलत बताएं आप देखेंगे निश्चित तौर पर बच्चे आपकी बात को पकड़ लेंगे। जिससे आपको भी जानकारी हो जायेगी कि बच्चो ने कल आपकी बात गम्भीरता से सुना समझा फिर आप पुनः सही समझाकर पुष्टि जरूर कर दें।
⚡गलत प्रक्रिया से उनके मस्तिष्क में दबाव भी पड़ेगा वो अगली बार और ध्यान देंगे की सर की बात को पकड़ना है उन्हें गलतियां निकालने में मजा आती, हम आप उसका सद्पयोग कर सकते हैं।
*⚡उक्त प्रक्रिया कक्षा 1 व् 2 को छोड़कर अन्य कक्षाओं पर प्रभावी हो सकती है।*
[16:45, 1/10/2017] +91 77040 53211: * आज का विषय - विषयानुकूल नामो के सृजन से खेल खेल में विषय को मस्तिष्क से जोड़ना*
⚡ आपने गौर किया होगा बच्चों में एक दूसरे की *नाम बिगाड़ने* की बहुत होड़ होती है, वो उनके घरेलू नाम या स्वनिर्मित नामो का प्रयोग करके एक दूसरे को प्रायः चिढ़ाते हुए देखें जाते हैं, यहाँ तक यदि हम अध्यापक का वो कोई उपनाम जान गये या स्वनिर्माण करके ही आपस में बहुत ही मजे लेते हैं। _( वैसे हम आप ने भी अपने समय में सभी अध्यापको के हास्य नाम रखे थे )_
हम बच्चो की इसी आदत को उन्ही के ज्ञान को मजबूत करने व् सरल करने में बहुत आसानी के साथ उपयोग कर सकते हैं जानिए कैसे ❓
मान लीजिए हमे भारत के प्रदेशों के नाम याद करवाने हैं, अब हम सभी बच्चों की शर्ट में एक एक प्रदेश के नाम की स्लिप लगा देंगे और बच्चो से उसी नाम से आपस में बुलाने को कहेंगे, ये विधि उनके लिए अत्यंत मनोरंजक साबित होगी क्योंकि वो तो इसकी खोज में ही हैं वो पूरा दिन एक दूसरे को चिल्ला-चिल्लाकर उसी नाम से बुलाएँगे, उन्हें कब याद हो जायेगा उन्हें खुद न पता लगेगा।
⚡एक दिन की इस प्रक्रिया के बाद आप अगले दिन उन्ही नामो के साथ आप उनकी *उपस्थिति* भी ले सकते हैं।
⚡ इस विधि से उनमे शिक्षा में रूचि उत्प्न्न होगी, उनकी याद करने की क्षमता में भी सुधार आएगा एवं अध्ययन सरल हो जायेगा तथा *कमजोर छात्रों* को भी अधिक मिलेगी।
⚡ इस विधि का प्रयोग आप सभी जगह *स्थान, देश, प्रदेश, राजधानी, रंग, यंत्र, पशु, पक्षी, अविष्कार, आविष्कारक ( हिंदी व् अंग्रेजी )* आदि में सरलता से उपयोग कर सकते हैं
* उक्त के संदर्भ में अपने सुझाव अवश्य दें
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