बुधवार, 7 जून 2017

सौर परिवार गीत

सूरज है  सबका  मुखिया,  

आठ संतानों वाला।      

सब  इसकी परिक्रमा हैं करते,     

ये  है बड़ा  मतवाला।    

                   

बुध है देखो सबसे छोटा ,              

पास में इसके रहता है।                

इसी  वजह से छोटा  होकर भी ,      

सबसे गर्म ये लगता है।     

             

फिर आता है शुक्र  प्यारा ,            

टिम टिम करता तारा है।           

पर सतह इसकी खूब गरम,

दहकता हुआ अंगारा है।

 

सबसे पहले आकर फिर भी ,       

बाद मे सबके जाता है।                 

सबके दिल को भाता इतना,        

सबसे सुन्दर कहलाता है।    

        

फिर आती है पृथ्वी अपनी,           

जीवन सबको देती है।                  

हवा पानी सब इस पर रहते ,       

ये अनोखी कहलाती है।    

            

मंगल करता दंगल देखो,               

लाल लाल हो जाता है।                

जीवन की कल्पना इस पर करते,    

लाल ग्रह कहलाता है।                 

  

बृहस्पति है गुरु सबके राजा ,         

सबसे बड़े कहलाते हैं ।                

दूर बहुत है रहते इतना,                 

जान न इनको पाते हैं।     

              

नाम शनि है घेरा एक,                     

चारों ओर है रहता।                       

वलय  नाम है इस कवच का ,       

साथ मे हरदम रहता।     

               

बाद मे आते है अरुण वरुण,           

कुछ नहीं कह पाते हैं,                   

अंधेरे मे रहते है ,                          

नजर नही  ये आते हैं।   

विद्यार्थियों के लिए

*सभी परिणामों पर एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट*

*ExamResult: रिजल्ट जैसा हो, बच्चों डरना नहीं- क्योंकि एक परिणाम आपकी उम्मीदों को तोड़ नहीं सकती*

*इन दिनों सैकण्डरी, सीनियर सैकण्डरी बोर्ड, स्नातक, स्नातकोत्तर व प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्र रिजल्ट को लेकर काफी चिंतित है।* _अगर ऐसा है तो आपको परीक्षा के परिणाम को लेकर टेंशन में रहने की जरुरत नहीं है। क्योंकि कि ऐसे में तनाव के कारण आपकी सेहत पर भी असर पड़ेगा तो वहीं आपके भविष्य के लिए भी इस तरह का तनाव ठीक नहीं है। बच्चों को हर तरह का रिजल्ट स्वीकार करना चाहिए।_

आम तौर पर देखा जाता है कि जिन स्टूडेंट्स का रिजल्ट उनके माता-पिता या दोस्तों की उम्मीद के अनुरूप नहीं आता, वे बहुत ज्यादा दबाव में आ जाते हैं। और लगातार इस तरह के दबाव से वह डिप्रेशन में आकर गलत विचार मन में सोचने लगते हैं। जो कि बहुत घातक है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि परीक्षा परिणाम को लेकर बच्चों को तनाव मुक्त रहते हुए परिणाम जो भी आए उसे स्वीकार करने की कला सीखने की जरुरत है। जो कि एक चींटी से सबक के तौर पर सीखा जा सकता है, जो कि दीवार या पहाड़ पर चढ़ते में बार बार गिरती है, लेकिन हिम्मत नहीं हारती। 

*रिजल्ट जैसा भी आए सोच सकारात्मक रखें*

पत्रिका ने परीक्षा परिणामों को लेकर इंतजार कर रहे या रिजल्ट आने के बाद तनाव में रह रहे छात्रों की परेशानी को देखते हुए मनोवैज्ञानिक से बात की तो उनका कहना कि स्टूडेंट्स को डिप्रेशन बस्टर, टेंशन बस्टर व स्ट्रेस बस्टर बनना चाहिए। जब मनोवैज्ञानिक डॉ. रवि गुंठे से बात की, तब उन्होंने कहा कि गीता के आठवें अध्याय की तरह अपनी सोच सकारात्मक रखें कि जो होगा, अच्छा होगा। बस यही सोचें कि रिजल्ट अच्छा ही होगा।

*जिंदगी जीने की कला सीखें*

उनका कहना है कि यदि रिजल्ट उम्मीद के मुताबिक न भी हो, तो जिंदगी जीने का हुनर यह है कि एक परीक्षा ही सब कुछ नहीं है। रिजल्ट में फेल, कप्लीमेंट्री, सप्लीमेंट्री, पास, थर्ड डिविजन, सेकंड डिविजन, गुड सेकंड डिविजन, फस्र्ट डिविजन और मेरिट कुछ भी हो सकता है। रिजल्ट दिल की धड़कन या सांस की नली नहीं है। इसलिए परिवार, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट या दोस्तों के कारण किसी तरह का टेंशन नहीं लें।

*ग्रेड की टेंशन में नहीं पड़े*

डॉ. गुंठे ने कहा कि भावना में बह कर कोई ऐसा कदम न उठाएं कि आपके पास पछताने का भी समय न हो। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि ज्यादा सोचने से तनाव होता है। इससे आप डिप्रेशन में जा सकते हैं। इसलिए ग्रेड का टेंशन डस्टबिन में डाल दें। साथ ही उनका कहना था कि परीक्षा आईक्यू या विजन का तात्कालिक आकलन होती है। हो सकता है कि किसी कारण जब आप परीक्षा देने पहुंचे हो आप ठीक ठंग से तैयार नहीं हो। इसलिए डिविजन, परसेंटेज या ग्रेड का टेंशन डस्टबिन में डाल दें और फ्रेश माइंड रहें।

डॉ. गुंठे के मुताबिक, तनाव स्ट्रोक, हार्ट अटैक, अल्सर और अवसाद जैसे मानसिक बीमारियों को बुलावा देता है। एक बार नाकाम होने के बाद आप दुबारा एग्जाम दे सकते हैं, लेकिन जिंदगी एक बार चली गई तो दुबारा चांस नहीं मिलेगा।

*खुद पर रखें यकीन*

मनोवैज्ञानिक डॉ. रवि गुंठे के अनुसार हर स्टूडेंट परीक्षा व परीक्षा परिणाम से पहले अपना मूल्यांकन करता है। जब रिजल्ट आने वाला होता है तो स्टूडेंट्स को लगता है कि मैंने ठीक किया है। इसके उलट वह अपने टीचर, फ्रेंड,मदर, फादर या करीबी रिश्तेदारों की राय को महत्व देता है। वे कहते हैं कि कम से कम इतने परसेंट तो आना ही चाहिए। यह दबाव ही खतरनाक है।

*रिजल्ट जैसा भी आए समना करें*

रवि गुंठे अनुसार रिजल्ट आने पर सोसाइटी का सामना करें। लाइफ टर्निंग पॉइंट है। स्टूडेंट्स सबकी सुनें और खुद पर भरोसा रखें। क्यों कि एग्जाम एक तीर की तरह है जो एक बार कमान से निकल गया तो निकल गया, वह सही जगह भी लग सकता है और गलत भी लग सकता है। जिंदगी तनाव का नहीं, जीने का नाम है ।

कॉन्सेप्ट मैपिंग

*कॉन्सेप्ट मैपिंग का कॉन्सेप्ट मेप*

कॉन्सेप्ट मेपिंग की प्रक्रिया के प्रमुख चरण निम्नलिखित है...

1: *विषय चयन* - (जिसका मेप बनाना हो )        ⬇
2: *पाठ चयन*-(जिस अध्याय का मेप बनाना हो )   ⬇
3: *पाठ्यवस्तु का बिन्दुवार विवरण* (इस चरण में पाठ में दी गयी समस्त जानकारी को बिन्दुवार एक  पेज पर लिख लें ) ⬇
4: *जानकारी का संक्षिप्तीकरण* (इस चरण के अन्तर्गत बिन्दुवार लिखी  गयी जानकारी को संक्षिप्त रूप में लिखकर परिष्कृत रूप प्रदान करें अर्थात लिखी गयी जानकारी को कम व उचित शब्दों का प्रयोग कर  लिखें )                ⬇
5: *जानकारी के संक्षिप्त रूप को निश्चित आकार प्रदान करना*(इस चरण में जानकारी के संक्षिप्त रूप को किसी कागज या चार्ट पर अपने विवेकानुसार ज्यामितीय आकृतियों का प्रयोग करते हुये व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करें एवं आकर्षण बनाने के लिये आवश्यकतानुसार चित्रों एवं रंगों का प्रयोग करें ।
इस प्रकार आपका " *गागर में सागर*" को प्रदर्शित करता "कॉन्सेप्ट मेप " तैयार है ।
*नोट* : शिक्षक  कॉन्सेप्ट मेप का प्रयोग अपनी आवश्यकतानुसार कर सकते है ।लेकिन कॉन्सेप्ट मेप का प्रयोग छात्रों को पाठ के रिवीजन के रूप में किया जाना प्रभावकारी होगा ।

E

 E  – The biggest reading problems of  e  are posed by ea,

                             followed by  ei,   ie,  e-e  and ey. 

         It also causes difficulties as asilent letter (surprise – promise)

         and a few other irregularpronunciations (petty – pretty,  few – sew). 

Ea - The main pronunciation for eais /ee/ - (beach, breathe, dear...  in 152 words), but not in 65, and 3 pairsof words share one spelling (e.g. haveread, will read).

Short /e/ in the 56 common words:

already,  bread,  breadth,  breakfast,  breast,  breath,  cleanse,  dead,  deaf,  dealt,  death,  dread,  dreamt,  earl,  early,  earn,  earnest,  earth,  feather,  head,  health,  heard,  heather,  heaven,  heavy,  instead,  jealous,  leant,  leapt,  learn,  leather,  meadow,  meant,  measure,  pearl,  peasant,  pheasant,  pleasant,  pleasure,  ready,  realm,  rehearse,  search,  spread,  steady,  stealthy,  sweat,  thread,  threat,  treacherous,  tread,  treasure,  wealth,  weapon,  weather,  yearn

/ai/ in:   break, great, steak,   bear,  pear,  swear,  wear,    tearx2 =  [teer/tair] 

  lead(x2)=[leed/led],  read(x2)=[reed/red];  + create [cree-ate], react [ree-act].

  ear = ar in: heart,  hearth;

Silent e  in:

are,  gone,  determine,  discipline,  famine,  have,  heroine,  imagine,  medicine,  promise, shone,  tortoise,  nature,  picture.               Meringue =   merang

  Compare:  care, bone, define, surprise, mature,  rang.         . 

Ei and ie  have different sounds, with some overlaps between them:

Ceiling,  protein,  receive,   seize,  weird;
eight, neighbour, height,  sleight, either,  neither,   kaleidoscope;  leisure;  heir,   

believe, field, piece;  die, pie;anxiety, quiet, science; sieve; view;  friend,  soldier.

     For beginners the following are also challenging:

 English,  pretty,    sew,  sewn,    ballet,  buffetx2,   duvet,    café,  fête

   (compare: petty,  few,  duet).

 These, here,   there, where,  were,    evening,  

every.

    The -  be, me,  he,  she,  we,  be,  secret - secretary. 

 Hey,  eye,  grey,  key,  they,  jersey,  convey,  donkey, monkey, obey,  survey.

Spelling Tips

7 Secret Pronunciation Rules Your Teachers Never Taught You (but You Should Teach Your ESL Students)

English spelling is at best confusing and at worst a hot mess.

It is no wonder so many ESL students struggle with making the connection between written words in English and how they are pronounced. Sometimes there doesn’t seem to be any rhyme or reason to it. I am a big proponent of teaching the phonetic alphabet to ESL students, primarily because I think it makes a big difference in their ability to achieve accurate pronunciation. But sometimes the phonetic alphabet is not an option. You might have ESL students who are casually studying the language and do not want to cover any material so academic. You might opt out of teaching the phonetic alphabet because you just have too many other things to do. Or it might be some other reason. After all, how many dictionaries use the phonetic alphabet when listing the pronunciation for an entry? Whatever your reason for not using the phonetic alphabet, there is good news. As unpredictable as English spelling and pronunciation may seem at times, there are some rules that your students can follow when they encounter unfamiliar words. Here are seven simple spelling and pronunciation connections you can share with your students to help them achieve accurate pronunciation.

Remember Rules for Pronouncing Vowels

Before going through these rules with your students, they will need to know the difference between short vowel soundsand long vowel sounds. If you are unclear about these definitions, look for an explanation in a standard English only dictionary or read about it here.

1

A Vowel Followed by a Single Consonant at the End of a Word Is Pronounced as a Short Vowel

Words that conform to this rule are often some of the first that students of English (as well as native speakers) learn to read.Pup has cup. Man has ham. All of these words follow the short vowel + consonant rule. You might see these words represented in this way. CVC.

2

A Vowel Followed by Two Consonants at the End of a Word Is Pronounced as a Short Vowel

Words that conform to this rule may be single vowels followed by a consonant blend (see below for an explanation of consonant blends) or those that are followed by two distinct consonants. You may see these types of words represented in this way. CVCC. Some examples include the following: stops, want, hand, wish, and bark.

3

If a Vowel Is the Final Letter in a Word, It Is Pronounced as a Long Vowel

A vowel at the end of a word may appear in a single syllable word or a multisyllabic word. Either way, the pronunciation rule remains the same. A final vowel at the end of a word is pronounced as a long vowel. Some examples of single syllable words which follow this rule are go, pi, lo, be, and he. Multiple syllable examples include ago and ego. You might see these words represented like this CV.

4

If an E Appears at the End of a Word, It Is Silent. The Preceding Vowel (Separated from the E by One or More Consonants) Will Be Pronounced as a Long Vowel

Silent e is one of the first spelling rules children learn in school, and no wonder since it is so common in English. If you are teaching phonics, you might have students underline or cross out the silent e and mark the preceding vowel as long. You might see words which follow this rule represented in this way: CVCe. You can find examples throughout the English language, but some of them are hate, care, note, flute, bite, nice, and ape.

5

If Two Vowels Appear next to Each Other in One Syllable, the Second Vowel Is Silent and the First Vowel Is Pronounced as a Long Vowel

We see vowel combinations all the time in English. A general rule as to their pronunciation is to say the first vowel and ignore the second. These vowel combinations come in all kinds of match ups. You might see words which follow this rule represented this way: CVVC. English examples include true, beat, train, leaf, and load.

Consider Rules for Pronouncing Consonants

One thing to keep in mind when discussing consonant pronunciation are consonant blends. A consonant blend is two or more letters that are pronounced as one sound in English. Some blends are clearly two sounds which become one complex sound (for example bl in black, tr as in atrophy). They often include the letters l, r, or s but not always. Other “blends” are actually only one English sound which is spelled by using two or more consonants. These sounds include sh (wish), ch (chair), tch (watch) and others.

6

If One Consonant Follows a Vowel in the Middle of a Word, It Is Pronounced as the First Sound in the Next Syllable

Where a consonant is pronounced in a word does make a difference in a student’s pronunciation, particularly if they speak slowly. Think about the difference between pap-er and pa-per. Clearly the second is the correct pronunciation while the first sounds, at best, strange, and at worst like a different word entirely. Other examples include tele-phone (not teleph-one), la-bor (not lab-or), lo-cate (not loc-ate) and pro-tect (not prot-ect).

7

When Two Consonants Follow a Vowel in the Middle of a Word, One Consonant Is Pronounced at the End of the First Syllable and the Other Is Pronounced at the Beginning of the Next Vowel

Of course, consonant blends act as one consonant sound, but non-blend neighboring consonants will follow this rule. When a consonant is doubled in the middle of a word, it also follows this rule. Some examples include sub-ject, tal-ly, ab-ject, top-ple, and haz-mat.

Ultimately, English is a complicated language with complicated rules of spelling and pronunciation. These rules, while generally true, do have exceptions. When you teach them to your students, be sure that they know these rules are not hard and fast and that exceptions can be found to each of them. They may choose to use these rules to pronounce words they have never seen before, or they may use the rules to determine the spelling of an unfamiliar word they have heard pronounced. What matters most, however, is that these rules give your students a place to start when they encounter a word that they do not know how to pronounce.

English learning

Spelling Checking se hmesha questions hote hai KVS , NVS, DSSSB me ...
1-Colour- रंग, Colours- सेना का झंड़ा
2-Custom- रिवाज, Customs- कर
3-Effect- प्रभाव, Effects- समान
4-Manner- तरीका, Manners- व्यवहार
5-Moral- नैतिकता, Morals- सिंद्धान्त
6-Number- संख्या, Numbers- कविता की मात्राये
7-Pain- दर्द, Pains- कोशिश
8-Premise- प्रतिज्ञा, Premises- अहाता
9-Quarter- चौथाई भाग, Quarters- मकान
10-Spectacle- तमाशा, Spectacles- चश्मा
11-Letter- पत्र, Letters- साहित्य,वर्णाक्षर
12-Ground- जमीन, Grounds- कारण
13-Air- हवा , Airs- दिखावटी आचरण
14-Good -अच्छा, Goods -समान
15-Compass -सीमा ,Compasses- ज्यामिती यंत्र
16-Respect -सम्मान, Respects-मान्यता
17-Physic -दवा, Physics- भौतिक विज्ञान
18-Iron- लोहा, Irons -जंजीर
19-Force- ताकत, Forces- सेनाये
20-Abuse -गाली, Abuses- कुरीतिया
21-Advice- सलाह, Advices -सूचनायें
22-Alphabet -वर्णमाला, Alphabets- भाषाये
23-Amend -सुधार करना, Amends -हर्जाना
24-Arm- हाथ, Arms- हथियार
25-Brain- दिमाग, Brains- बौद्धिक
26-Proceeding- कार्यवाही, Proceedings- सभा
27-Return- लौटना, Returns- लाभ
28-Sand- बालू ,Sands -रेगिस्तान
29-Water -जल , Waters -समुद्र
30-Wage- वेतन ,Wages- मजदूरी
31-Damage- नुकसान, Damages- हर्जाना
32-Wood -लकड़ी, Woods -जंगल

शिक्षा के लिए दस अनुप्रयोग
समय प्रबंधन कौशल का विकास करना एक यात्रा है
जो इस गाइड के साथ शुरू हो सकती है, लेकिन इसके साथ अभ्यास और अन्य मार्गदर्शन की भी आवश्यकता है.

हमारा लक्ष्य यह है कि आपको अवगत कराएं कि दोस्तों, काम, परिवार, आदि की प्रतिस्पर्धात्मक गतिविधियों के संदर्भ में समय के संसाधन के आयोजन, प्राथमिकीकरण, और अपनी पढ़ाई में सफलता कैसे लाये.

पहली: समय प्रबंधन में हमारे अभ्यास का प्रयास करो
आप प्रतिदिन अपना समय कैसे बिताते हो?

समय के उपयोग पर रणनीतियाँ:
यह सिद्ध है कि समय प्रबंधन के यह अनुप्रयोग अध्यन की अच्छी आदतें बन जाते हैं.
जैसे जैसे आप हर रणनीति पढ़ते हो, वैसे वैसे अपने विचार लिखो कि वे आपके लिए कैसे लागू होंगें.

पढ़ाई के समय के और विश्राम के खंड (ब्लॉक)
जैसे आपका स्कूल शुरू होता है और आपका पाठ्यक्रम कार्यक्रम निर्धारित होता है, विकास और योजना के लिए, एक ठेठ (typical) सप्ताह में पढ़ाई के समय के खंड बनाओ. खंड आदर्श रूप से ५० मिनट के आसपास के होते हो, लेकिन हो सकता है आप सिर्फ ३० मिनट के बाद बेचैन हो जाते हो? कुछ कठिन विषय सामग्री में अधिक
विश्राम की आवश्यकता हो सकती है. यदि ऐसा हो तो अपने अध्ययन खंड को और छोटा कर दो, लेकिन हाथ में लिए काम पर लौटना मत भूलो. अपने विश्राम के दौरान आप जो कुछ भी करो वो आपको जलपान करने का, आराम करने का या फिर तरोताजा होने का या पुनःउर्जावान होने का एक अवसर दे . उदाहरण के लिए, जब आप सबसे अधिक उत्पादक हो तब समय के खंड रखो: आप सुबह के व्यक्ति हो या रात के उल्लू?
वह समय लिख लो जब आप सबसे अच्छा पढ़ सकते हो. यह समय कितना लंबा है? आप के लिए एक अच्छा विश्राम कैसा होता है? क्या आप गतिविधि नियंत्रित कर सकते हो और अपनी पढ़ाई पर लौट सकते हो?

समर्पित अध्ययन स्थल
एक जगह ढूंढो जो विकर्षण (कोई सेल फोन या मेसजिंग आदि) से मुक्त हो जहाँ आप अपनी एकाग्रता को बढ़ा सकते हो और उन विकर्षण से भी मुक्त हो जो दोस्त या आपके शौक ला सकते हैं! आपके पास एक ऐसी जगह भी होनी चाहिए जहाँ आप बचने के लिए जा सकते हो, जैसे पुस्तकालय, विभागीय अध्ययन केंद्र, यहाँ तक कि एक कॉफी की दुकान भी जहाँ आप किसी को नहीं जानते हों. जगह का एक परिवर्तन भी अतिरिक्त संसाधनों को ला सकता है.
आपके विचार में सबसे अच्छा अध्ययन स्थान कौनसा है? दूसरा स्थान क्या है?

साप्ताहिक समीक्षा
साप्ताहिक समीक्षा और समय और दूसरी परिस्थितिओं के साथ बदलना भी एक महत्वपूर्ण रणनीति है. हर सप्ताह, जैसे एक रविवार की रात अपने काम, अपने नोट्स, और अपने कैलेंडर की समीक्षा करो. ध्यान में रखो कि जैसे जैसे समय सीमा और परीक्षा पास आए आपकी साप्ताहिक दिनचर्या उनके अनुकूल हो जानी चाहिए!
सप्ताह में सबसे अच्छा समय कौनसा है जब आप समीक्षा कर सकते हो?

अपने स्कूल के कार्यों को प्राथमिकता दें
जब अध्ययन करो, सबसे कठिन विषय या कार्य के साथ शुरुआत की आदत डालो. जब आप अपने चरम पर हों तब आप में उन कामों को करने में ज्यादा उर्जा और ताजगी होगी. अध्ययन के अधिक कठिन पाठ्यक्रमों के लिए और ज्यादा लचीला बनने की कोशिश करो: उदाहरण के लिए, "प्रतिक्रिया समय" बनाये जब आप स्कूल के कामों को जमा करने से पहले दूसरों से प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकते हो.
किस विषय ने आपको हमेशा परेशान किया है?

“प्रथम चरण” प्राप्त करो – कुछ पूरा करे!
सबसे बड़ी यात्रा एक अकेले कदम से शुरू होती है, इस चीनी कहावत के कुछ मतलब है: पहला, आप इस परियोजना को शुरू करो! दूसरा, प्रारंभ करके, आप महसूस कर सकते हो कि वहाँ कुछ चीजें है जिनके बारे में आपने सोचा नहीं हैं. कभी कभी जब तक आप काम शुरू नहीं करते हैं तब तक काम के विवरण स्पष्ट नहीं होते. एक और कहावत है कि "श्रेष्ठता अच्छे का दुश्मन है”, खासकर जब यह आपको शुरू करने से रोकता है यह देखते हुए कि आपने समीक्षा बना ली हे, मोटे तौर पर अपने विचार बना लो और शुरू हो जाओ! आपके पास बदलने और बाद में विकसित करने का समय होगा.
स्कूल के काम की शुरुआत के लिए आप पहला क्या कदम ले सकते हो?

जब तक कि काम न हो जाये अनावश्यक गतिविधियों को टाल दो!
जब तक कि आपके स्कूल का काम समाप्त न हो जाए, उन कार्यों या दिनचर्याओं को टाल दो, जिन्हें टाला जा सकता है.
यह समय प्रबंधन की सबसे कठिन चुनौती हो सकती है. शिक्षार्थियों के रूप में हमें हमेशा ऐसे अवसर मिलते है जो आकर्षित दिखते है पर जिनके कारण परीक्षा, पेपर या फिर किसी काम की तैयारी में खराब परिणाम आते है. जब परीक्षा, काम आदि का दबाव कम हो जाये तब ध्यान भंग करने वाली गतिविधियां ज्यादा आनंददायी होंगी. आत्म-गौरव से सोचो. नहीं कहने के बजाय "बाद में” कहना सीखो.
वो एक विकर्षण क्या है जो आपको पढ़ने से रोकता है?

सोमवार, 5 जून 2017

विश्व पर्यावरण दिवस

���� *विश्व पर्यवारण दिवस* ����

��प्रकृति का न करे हरण, आओ बचाये पर्यावरण।��

��पर्यावरण का रखे ध्यान, तभी बनेगा देश महान।��

☘पर्यावरण के लिए पेड़ लगाओ, देश बचाओ, दुनिया बचाओ��।

����पर्यावरण की हो सुरक्षा, जिससे बढ़कर नहीं तपस्या।

��पर्यावरण की करो रक्षा, बच्चो को पहले ये शिक्षा।

स्कुल-स्कुल ये पाठ पढाये, पर्यावरण की रक्षा कराये।����

पर्यावरण बचे, तो प्राण बचे। बच्चो को दो यही शिक्षा, पर्यावरण की करो सुरक्षा ।

��ना कर तू मेरा-तुम्हारा, पर्यावरण हे हमारा।

भारत को समृद्ध बनायेंगे, वसुंधरा को बचायेंगे।

हर औद्योगिक प्रतिष्ठान, प्रदुषण की और दे ध्यान।

वन संरक्षण की और, तन – मन – धन से लगाओ जोर।।

शुक्रवार, 2 जून 2017

दिल्ली सरकार की जानकारी

*दिल्ली सल्तनत की एक संक्षिप्त कहानी$����*

*��दिल्ली सल्तनत तोमरवंश से नरेन्द्र मोदी तक*

*��तोमरवंश*
1=736 अनंगपाल तोमर और उनके वंश
2=1049 अनंगपाल दूसरा
3=1097 सूरजपाल तोमर 1135 में तोमर वंश समाप्त्
(शासन काल-400 वर्ष लगभग )

*��चौहाण वंश*
1=1153 विग्रहराज पाँचवे
2=1170 सोमेश्वर चौहाण
3=1177 पृथ्वीराज चौहाण
1193 चौहान वंश समाप्त्
(शासन काल-40 वर्ष लगभग )

*��गुलाम वंश*
1=1193 मुहम्मद  गौरी
2=1206 कुतुबुद्दीन ऐबक
3=1210 आराम शाह
4=1211 इल्तुतमिश
5=1236 रुकनुद्दीन फिरोज शाह
6=1236 रज़िया सुल्तान
7=1240 मुईज़ुद्दीन बहराम शाह
8=1242 अल्लाउदीन मसूद शाह
9=1246 नासिरुद्दीन महमूद 
10=1266 गियासुदीन बल्बन
11=1286 कै खुशरो
12=1287 मुइज़ुदिन कैकुबाद
13=1290 शमुद्दीन कैमुर्स
1290 गुलाम वंश समाप्त्
(शासन काल-97 वर्ष लगभग )

*��खिलजी वंश*
1=1290 जलालुदद्दीन फ़िरोज़ खिलजी
2=1296
अल्लाउदीन खिलजी
4=1316 सहाबुद्दीन उमर शाह
5=1316 कुतुबुद्दीन मुबारक शाह
6=1320 नासिरुदीन खुसरो  शाह
7=1320 खिलजी वंश स्माप्त
(शासन काल-30 वर्ष लगभग )

*��तुगलक  वंश*
1=1320 गयासुद्दीन तुगलक  प्रथम
2=1325 मुहम्मद बिन तुगलक दूसरा  
3=1351 फ़िरोज़ शाह तुगलक
4=1388 गयासुद्दीन तुगलक  दूसरा
5=1389 अबु बकर शाह
6=1389 मुहम्मद  तुगलक  तीसरा
7=1394 सिकंदर शाह पहला
8=1394 नासिरुदीन शाह दुसरा
9=1395 नसरत शाह
10=1399 नासिरुदीन महमद शाह दूसरा दुबारा सता पर
11=1413 दोलतशाह
1414 तुगलक  वंश समाप्त
(शासन काल-94वर्ष लगभग )

*��सैय्यद  वंश*
1=1414 खिज्र खान
2=1421 मुइज़ुदिन मुबारक शाह दूसरा
3=1434 मुहमद शाह चौथा
4=1445 अल्लाउदीन आलम शाह
1451 सईद वंश समाप्त
(शासन काल-37वर्ष लगभग )

*��लोदी वंश*
1=1451 बहलोल लोदी
2=1489 सिकंदर लोदी दूसरा
3=1517 इब्राहिम लोदी
1526 लोदी वंश समाप्त
(शासन काल-75 वर्ष लगभग )

*��मुगल वंश*
1=1526 ज़ाहिरुदीन बाबर
2=1530 हुमायूं
1539 मुगल वंश मध्यांतर

*��सूरी वंश*
1=1539 शेर शाह सूरी
2=1545 इस्लाम शाह सूरी
3=1552 महमूद  शाह सूरी
4=1553 इब्राहिम सूरी
5=1554 फिरहुज़् शाह सूरी
6=1554 मुबारक खान सूरी
7=1555 सिकंदर सूरी
सूरी वंश समाप्त,(शासन काल-16 वर्ष लगभग )

*मोगल वंश पुनःप्रारंभ*
1=1555 हुमायू दुबारा गाद्दी पर
2=1556 जलालुदीन अकबर
3=1605 जहांगीर सलीम
4=1628 शाहजहाँ
5=1659 औरंगज़ेब
6=1707 शाह आलम पहला
7=1712 जहादर शाह
8=1713 फारूखशियर
9=1719 रईफुदु राजत
10=1719 रईफुद दौला
11=1719 नेकुशीयार
12=1719 महमूद शाह
13=1748 अहमद शाह
14=1754 आलमगीर
15=1759 शाह आलम
16=1806 अकबर शाह
17=1837 बहादुर शाह जफर
1857 मोगल वंश समाप्त
(शासन काल-315 वर्ष लगभग )

*��ब्रिटिश राज (वाइसरॉय)*
1=1858 लोर्ड केनिंग
2=1862 लोर्ड जेम्स ब्रूस एल्गिन
3=1864 लोर्ड जहॉन लोरेन्श
4=1869 लोर्ड रिचार्ड मेयो
5=1872 लोर्ड नोर्थबुक
6=1876 लोर्ड एडवर्ड लुटेन
7=1880 लोर्ड ज्योर्ज रिपन
8=1884 लोर्ड डफरिन
9=1888 लोर्ड हन्नी लैंसडोन
10=1894 लोर्ड विक्टर ब्रूस एल्गिन
11=1899 लोर्ड ज्योर्ज कर्झन
12=1905 लोर्ड गिल्बर्ट मिन्टो
13=1910 लोर्ड चार्ल्स हार्डिंज
14=1916 लोर्ड फ्रेडरिक सेल्मसफोर्ड
15=1921 लोर्ड रुक्स आईजेक रिडींग
16=1926 लोर्ड एडवर्ड इरविन
17=1931 लोर्ड फ्रिमेन वेलिंग्दन
18=1936 लोर्ड एलेक्जंद लिन्लिथगो
19=1943 लोर्ड आर्किबाल्ड वेवेल
20=1947 लोर्ड माउन्टबेटन
ब्रिटिस राज समाप्त

*����आजाद भारत,प्राइम मिनिस्टर����*
1=1947 जवाहरलाल नेहरू
2=1964 गुलजारीलाल नंदा
3=1964 लालबहादुर शास्त्री
4=1966 गुलजारीलाल नंदा
5=1966 इन्दिरा गांधी
6=1977 मोरारजी देसाई
7=1979 चरणसिंह
8=1980 इन्दिरा गांधी
9=1984 राजीव गांधी
10=1989 विश्वनाथ प्रतापसिंह
11=1990 चंद्रशेखर
12=1991 पी.वी.नरसिंह राव
13=अटल बिहारी वाजपेयी
14=1996 ऐच.डी.देवगौड़ा
15=1997 आई.के.गुजराल
16=1998 अटल बिहारी वाजपेयी
17=2004 डॉ.मनमोहनसिंह
*18=2014 नरेन्द्र मोदी*

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