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मंगलवार, 19 जनवरी 2016
वर्तमान
भूत ना भविष्य केवल वर्तमान
जब भी हम बीती चीजों के बारे में ज्यादा सोचते हैं तो मन में एक अजीब सी उदासी घर कर ही जाती है, इसी तरह भविष्य के बारे में सोचते हुए भी हम आशंकित और डरे हुए रहते हैं। इनका असर हमारे वर्तमान को खराब करता है। अगर हम आज में ही जिएं और आज हम क्या अच्छा कर सकते हैं उस विचार के साथ आगे बढ़ें तो शायद जीवन में निराशा के लिए कोई जगह नहीं होगी।
हम जो नहीं कर पाए उसके लिए उदास क्यों होना, हम आज जो कर सकते हैं उस पर बीते दिनों का असर आखिर क्यों आने देना चाहिए। बीती बातों को भुलाकर अगर आज में ही अपनी उर्जा लगाई जाए तो बेहतर नतीजे हमें आगे बढ़ने को ही प्रेरित करेंगे। कल में अटके रहकर हम अपने आज को भी प्रभावित करते हैं और आने वाले कल को भी।
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